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अब आगे
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क्या मतलब? मै समझी नही ''यार, मतलब सीधा सा है. ऑपरेशन कराने का आइडिया फिलहाल कैंसिल. एक बार और कोशिश करते हैं शायद हमारी इच्छा पूरी हो जाए, कहते हुए दीपक ने मुझे बाहों मे भर लिया, माँ ने शर्मा कर मुँह फेर लिया और पूछ बैठी, “अगर अब की बार भी बेटा हुआ तो?”
जैसे अल्ट्रासाउंड करा कर लोग लड़की का गर्भपात करा देते हैं , हम लड़के का गर्भपात करा देंगे, “ क्या गर्भ मे लड़का हुआ तो गर्भपात करा दोगे ? “ क्यूँ इसमे इतना आश्चर्य करने की क्या बात है ? गर्भ मे लड़की होने पर लोग गर्भपात कराते ही हैं क्यूंकी उन्हे लड़का चाहिए! हमे लड़की चाहिए, इसलिए अगर गर्भ मे लड़का हुआ तो हम गर्भपात करा देंगे, लोग सुनेगे तो क्या कहेंगे ? “कहने दो क्या फ़र्क पड़ता है, बच्चे हमे पालने है, इसलिए हम यह तय करेंगे की हमे लड़का चाहिए या लड़की, दूसरे कौन होते हैं इस मामले मे दखल देने वाले ? दीपक के इस तर्क के आगे मैं निरुत्तर हो गई थी! तभी दीपक ने मुझे पकड़ कर बिस्तर पर लिटा कर बत्ती बुझा दी और मेरे अधरो पर अपने अधरो को रखते हुए फुसफुसाए- अच्छे काम मे देर नही करनी चाहिए. जितनी जल्दी हो वही अच्छा, दिन, सप्ताह और महीने इसी तरह बीतने लगे,उस घटना के लगभग 6 माह बाद मेरे पीरीएड्स बंद हो गये, मैने जब दीपक को यह बात बताई तो वो मुस्कुराते हुए बोले, “इस का मतलब हमारी मेहनत का फल हमे मिलने वाला है, फल लेने से पहले बहुत कुछ करना पड़ता है. पहले तैयारी करो अस्पताल चल कर चेकअप कराने की- "हाँ-हाँ क्यू नही"
अगले ही दिन हम अस्पताल गये, वहाँ चेकअप करने के बाद डॉक्टर ने बताया की अभी गर्भ मात्र 4 माह का है और सब कुछ ठीक-ठाक है, अभी अल्ट्रासाउंड कर गर्भ के लिंग का पता नही चल सकता, हम दोनो खुशी-खुशी घर लौट आए, हमारी मनोकामना जो पूरी होने वाली थी! मम्मीजी को यह समझते देर न लगी की क्या बात है. उन्होने मुझ से बस , इतना ही पूछा, सब ठीक ठाक तो है न? हाँ मम्मीजी सब ठीक है; मेरे इस जवाब से वो संतुष्ट हो गई थी अब मम्मीजी पहले से भी ज़्यादा ख़याल रखने लगी थी. यह खा लो, वो खा लो, यह मत करो, वो मत करो, हर दम लगाए रहती, कभीकभी तो मुझे उनकी इन बातों पर हँसी आ जाती और मै कह उठती, “अरे मम्मीजी, मै पहली बार तो माँ बन नही रही हूँ, पहले भी 2 बेटे पैदा कर चुकी हूँ; हाँ-हाँ मुझे पता है पर यह मत भूल की बच्चे को जन्म देने मे हर बार माँ का नया जन्म होता है और तुझे कुछ हो गया तो मेरा बेटा तेरे गम मे जीते जी मर जाएगा, फिर मेरा क्या होगा ? यह कह कर मम्मीजी हंस पड़ती और मै भी अपनी हँसी रोक न पाती. इसी तरह समय हँसी खुशी बीतता रहा और अंत मे वो घड़ी आ ही गई जब मेरे गर्भ मे पल रहे भ्रूण का लिंग का पता चलना था मै और दीपक दोनो यही चाहते थे की लड़की ही हो, क्यूंकी मुझे यह पता था की अगर लड़का हुआ तो दीपक गर्भपात कराने से नही मानेगे और यही कहेंगे की शायद अगली बार लड़की हो. मैं अब इस गर्भ धारड़ के मे नही पड़ना चाहती. उस दिन हम सुबह सुबह ही नहाधोकर नाश्ता कर धड़कते दिल से नर्सिंग होम पहुँच बच्चों को जितना अपना परिच्छा परिणाम जानने की उत्सुकता होती है उससे कहीं ज़्यादा हम उत्सुक थे हम इतने अधीर थे की हमे लगता था की कितनी जल्दी कोई आए और हमे यह बताए की आप लड़की की माँ बनने वाली हैं,लेकिन होता सब कुछ समय से ही है ! नर्सिंग होम मे डॉक्टर के आने के बाद लगभग डेढ़-घंटे का समय अल्ट्रासाउंड मे ही लग गया ! इसके बाद हमे कमरे से बाहर जाने को कहा गया की बाहर चल कर बैठिए, थोड़ी देर मे आप लोगों को बता दिया जाएगा! हमारे लिए एक-एक पल बिताना भारी पड़ रहा था पर कर ही क्या सकते थे! थोड़ी देर मे एक नर्स मुस्कुराती हुई कमरे से निकली और हमारे पास आकर बोली, बधाई हो मि. दीपक एंड मिसेज़ दीपक; आप लोग बेटे के माँ बाप बनने वाले हैं ! लाइए मेरी बखशीश. यह खबर सुनकर एक ही झटके मे हमारे सपनो का महल चूर हो गया था दीपक तो सिर पकड़ कर वही बैठ गये!
क्रमशः
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